साइबर सुरक्षा क्या है?

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का सुरक्षित और जिम्मेदारी से उपयोग करना ही साइबर सुरक्षा कहलाता है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोगों के प्रति आदर भाव रखना एवं अच्छे इंटरनेट शिष्टाचार के उपयोग के बारे में बताता है।

इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम और डाटा को क्षति पहुंचाने या अनाधिकृत पहुंच से बचाने के लिए डिजाइन की गई तकनीकें शामिल है।

वायरस एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर के फाइलों को प्रभावित करता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है।

वायरस अटैक होने पर डिस्क की स्पेस कम हो सकती है और कंप्यूटर शुरू करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण फाइलें और ऑटोमेटिक ग्रुप से डिलीट या करप्ट हो जाती है।

कभी-कभी इनफेक्टेड कंप्यूटर क्रैश भी हो सकता है।

वर्म

वर्म एक प्रकार का वायरस है। यह एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में बिना मानव है हस्तक्षेप के फैल सकता है। यह सिस्टम फीचर की मदद से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलता है। एक बार अपने आप को रिप्लिकेट कर सकता है इसलिए एक संक्रमित कंप्यूटर एक वर्ग भेजता है वास्तव में यह हजारों वर्ग भेज रहा होता है। उदाहरण के लिए एक वर्ग आपके ईमेल बॉक्स में सूचीबद्ध सभी को अपनी प्रतिलिपि भेज सकता है।

ट्रोजन हॉर्स

ट्रोजन हॉर्स एक मलेशियस प्रोग्राम है। यह उपयोगकर्ता को धोखा देकर ऐसा इंप्रेशन बनाता है कि यह एक उपयोगी और वैध सॉफ्टवेयर है। एक बार कंप्यूटर में इंटर करने के बाद यह अपनी विनाशकारी गतिविधियां शुरू कर देता है।

यह अनाधिकृत उपयोगकर्ताओं को बैक डोर एंट्री देकर आपके कंप्यूटर से आपकी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी उन तक पहुंचाता है।

स्पाइवेयर

स्पाइवेयर

ट्रोज़न हॉर्स की तरह ही स्पाइवेयर भी एक मलेशियस सॉफ्टवेयर है। यह आपके कंप्यूटर पर जासूसी करता है। यह उपयोगकर्ता के कंप्यूटर से बिना उनकी जानकारी के सूचना एकत्र करता है।

यह उपयोगकर्ता द्वारा देखी गई वेबसाइटों को ट्रैक करता है, क्रेडिट कार्ड नंबरों के बारे में जानकारी सहित उपयोगकर्ता की जानकारी की चोरी करके विज्ञापन वाली साइटों पर भेज सकता है।

मैलवेयर

मैलवेयर एक मलेशियस सॉफ्टवेयर है जो किसी कंप्यूटर उपयोगकर्ता के लिए हानिकारक हो सकता है। मैलवेयर में कंप्यूटर वायरस ट्रोजन हॉर्स और स्पाइवेयर शामिल होते हैं।

यह मालीशियस प्रोग्राम विभिन्न फंक्शन एग्जीक्यूट कर सकते हैं, जिसमें संवेदनशील डाटा की चोरी करना, इंक्रिप्ट करना या हटाना, कोर कंप्यूटिंग फंक्शन को बदलना या हाईजैक करना और उपयोगकर्ताओं की अनुमति के बिना कंप्यूटर गतिविधि की निगरानी करना शामिल है।

फिशिंग

फिशिंग इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग करके लोगो को विभिन्न प्रकार का लालच देकर उनका नाम, क्रेडिट कार्ड का विवरण, पासवर्ड इत्यादि प्राप्त करने का प्रयास है। फिशिंग का शाब्दिक अर्थ होता है – मछली पकड़ना। जैसे मछलियों को चारा डालकर पकड़ा जाता है ठीक उसी प्रकार लोगो को पैसों, लोटरी या कैशबैक इत्यादि का लालच देकर उनसे बैंक संबंधी जानकारी एवं पासवर्ड प्राप्त कर लेते हैं।

इंटरनेट सुरक्षा और नैतिकता

  • दूसरों की प्राइवेसी का आदर करें।
  • चैट, ब्लॉगिंग और इमेलिंग के दौरान भाषा के उपयोग में उचित प्रोटोकॉल का पालन करें।
  • दुसरे लोगों के ईमेल अकाउंट में लॉग इन ना करें।
  • कॉपीराइट सामग्री को डाउनलोड ना करें।
  • मलेशियस साइटों का पता लगाने के लिए ब्राउज़र अपडेट को आटोमेटिक मोड पर सेट करें।
साइबर सुरक्षा

ईमेल का सुरक्षित व्यवहार

  • अज्ञात प्रेषक की ईमेल का जवाब ना दें।
  • दूसरों को स्पैम या संदिग्ध ईमेल फॉरवर्ड ना करें।
  • आकर्षक ऑफर या छुट के झासें में मत आयें। ऐसे मेल को अनदेखा करे या डिलीट कर दें।
  • यदि आवश्यक ना हो तो अपनी व्यतिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि, पता, आधार नंबर , अकाउंट नंबर इत्यादि दर्ज ना करें।
  • अज्ञात लोगों द्वारा भेजे गये लिंक्स पर क्लिक ना करे और ना ही ऐसे अटैचमेंट को खोलें क्योकि उसमे मलेशियस फाइलें हो सकती हैं जो आपके डिवाइस को प्रभावित कर सकती है ।
  • केवल उन्ही वेबसाइटो के लिंक एवं डाउनलोड पर क्लिक करे जिन पर आपको विश्वास है।

सोशल नेटवर्किंग का उचित व्यवहार

  • कभी किसी को भी अपना पासवर्ड ना बतायें।
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आयु, पता टेलीफोन नम्बर इत्यादि का खुलासा करने से बचे क्योकि इससे आपकी आइडेंटिटी चोरी हो सकती है।
  • अपनी फोटो,विडियो और किसी भी अन्य संवेदनशील जानकारी को पोस्ट करते समय हमेशा सावधान रहें क्योंकि वह डिजिटल फुटप्रिंट छोड़ते हैं जो हमेशा के लिए ऑनलाइन रहते हैं।
  • नेटवर्किंग साईट पर अन्य व्यक्तियों की जानकारी post ना करें, जो संभवतः उन्हें जोखिम में दाल सकता है ।
  • ऐसा कुछ भी पोस्ट ना करें जिससे दूसरों की भावनावों को ठेस पहुंचे ।
  • नेटवर्किंग साईट पर अपनी गतिविधियाँ और योजनायें पोस्ट करने से बचें ।
  • किसी विश्वसनीय श्रोत से सत्यापित किये बिना सोशल मीडिया पर जो कुछ भी आप पढ़ते हैं उसे आगे ना भेजें ।
  • लॉग इन के बाद अपने अकाउंट को बिना देख रेख के ना छोड़े, और जब आप इसका उपयोग नहीं कर रहें हों तो तत्काल लॉगआउट करें ।

साइबर बुलिंग

कानून की नजर में साइबर बुलिंग में किसी के बारे में नकारात्मक, हानिकारक, झूठी या मनगढ़ंत जानकारी को भेजना, साझा करना या पोस्ट करना शामिल है । यह एक गंभीर अपराध है जो कानून के तहत दंडनीय है।

साइबर बुलिंग में निम्नलिखित विषय शामिल हैं :-

  • आपके बारे में या आपके पोस्ट में गन्दी टिप्पणियां करना ।
  • आपके नाम पर नकली प्रोफाइल बनाकर आपको बदनाम करने की कोशिश करना ।
  • ऑनलाइन या आपके मोबाइल पर धमकियों भरा या अपमानजनक सन्देश भेजना ।
  • साईट पर आपके बारे में अफवाह या झूठ लिखना ।
  • आपकी अनुमति के बिना शर्मनाक तस्वीरों को ऑनलाइन डालना ।
  • आपके अकाउंट का पासवर्ड चोरी कर किसी को अनुचित सन्देश भेजना ।
  • आपत्तिजनक चैट करना ।
  • कभी भी साइबर बुलिंग के शिकार होने पर जबाब ना दें ।
  • स्क्रीन शॉट लेकर अपने रिकॉर्ड में रखें ।
  • परेशान करने वाले को ब्लाक करें ।
  • अपराधी की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रिपोर्ट करें ।
  • इस पोस्ट का कन्टेन्ट CIET की वेबसाइट से लिया गया है ।

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