Generation of computer in Hindi
कंप्यूटर आज के जीवन में लोगों की बुनियादी जरुरत बन चुका है घर, ऑफिस, हॉस्पिटल हो या मॉल, रेलवे स्टेशन, स्कूल हर जगह हमें कंप्यूटर की जरुरत पड़ने लगी है . कंप्यूटर का विकास 16वीं शताब्दी से शुरू हो गया था तथा आज का आधुनिक कंप्यूटर इसका परिणाम है. मानव सभ्यता की तरह ही कंप्यूटर का क्रमिक विकास हुआ है समय के साथ साथ इसके बनावट एवं कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है. कंप्यूटर के विकास को कई जनरेशन में बाटां गया है जिसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे .
First Generation computer in Hindi
विषय-सूचि
पहली पीढ़ी (First Generation ) के कंप्यूटर की समयावधि 1940-1956 थी .ये आकार में बहुत बड़े होते थे और इससे बहुत ज्यादा गर्मी उत्सर्जित होती थी .इनको चलाते समय एयर कंडीशनर की जरुरत होती थी. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं :-
- 1. ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Calculator)-यह पहली पीढ़ी का पहला इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था जिसे 1946 में जे.पी. एकर्ट तथा जे. डब्ल्यू माउचली (J.P. Eckert and J.W. Mauchly) ने अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय में बनाया। यह कम्प्यूटर अपने पूर्वज से बहुत तेज था । यह 5000 जोड़, या 350 गुणा की क्रिया एक सैकण्ड में पूर्ण कर सकता था। इसमें 18,000 वैक्यूम ट्यूब्स, 10,000 कैपेसिटर (Capacitors) एवं 60,000 स्विचों का प्रयोग किया गया था
- 2. EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Computer)-यह कम्प्यूटर एम.वी. वाइक्स द्वारा 1949 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बनाया गया।
- 3. EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer)- यह 1950 में पेन्सिल्वेनिया (Pennsylvania) विश्वविद्यालय में बनाया गया।
- 4. LEO (Lyons Electronic Office)- यह पहला व्यावसायिक कम्प्यूटर था जिसे 1951 में एम.वी. वाइक्स ने बनाया।
- 5. UNIVAC-I (Universal Accounting Company)– यह 1951 में एकर्ट और माउचली ने बनाया।
- 6. IBM 701 एवं IBM 650 (IBM 701 and IBM 650)- यह क्रमशः 1953 एवं 1954 में International Business Machine Corporation द्वारा बनाया गया। IBM-650 पहला मॉडर्न डिजिटल कम्प्यूटर था जिसे उच्च स्तर पर बनाया गया।
Second Generation computer in Hindi
द्वितीय विश्व युद्ध में ENIAC का पहली बार प्रयोग हुआ था .जिसका अविष्कार जे . प्रेसपर एकर्ट एवं जॉन विलियम मोचली ने किया था. ENIAC कंप्यूटर का वजन 30 टन था एवं इसको चलने के लिए 150000 वाट बिजली की आवश्यकता होती थी . इनकी प्रोसेसिंग स्पीड बहुत धीमी होती थी और मेमोरी भी बहुत कम थी . जिस वजह से इन कंप्यूटर में डाटा स्टोर करके नहीं रखा जा सकता था .इन कंप्यूटर कीमत बहुत ज्यादा होने के कारण आम लोगों की पहुंच से दूर थे .द्वितीय पीढ़ी (SECOND GENERATION ) 1956-1964 तक मानी जाती है . इसका विकास विलियम शोक्ले ने किया था .इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांसिस्टर का प्रयोग किया गया था .पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में ये छोटे , सस्ते और तेज़ हो गए थे .ये कम उर्जा में काम करने में सक्षम थे . इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय टेप का प्रयोग किया जाने लगा . जससे इन कंप्यूटर पर प्रोग्रामिंग करना संभव हो सका .
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं :-
- IBM 1620
- IBM 7094
- CDC 1604
- CDC 3600
- UNIVAC 1108
Third Generation computer in Hindi
तृतीय पीढ़ी (third generation ) के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर I.C (Integrated Circuit ) का प्रयोग होने लगा .I.C (Integrated Circuit ) का आविष्कार 1958 में जैक किल्वि द्वारा किया गया . I.C के प्रयोग से कंप्यूटर का आकर बहुत छोटा और ये पहले से बहुत तेज़ हो गए .इस पीढ़ी के कंप्यूटर में इनपुट देने के लिए कीबोर्ड तथा आउटपुट के लिए मॉनिटर का प्रयोग किया जाने लगा .सबसे पहले CUI ( CHARACTER USER INTERFACE ) ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इसी पीढ़ी में किया गया .इन कंप्यूटर पर कई अलग अलग कार्य को एक साथ किया जा सकता था एवं इनकी गति माइक्रोसैकेण्ड से नैनोसैकेण्ड तक पहुँच चुकी थी .इस समय तक कंप्यूटर आम आदमी की पंहुच तक आ चुका था . तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं :-
- IBM 360 SERIES
- HONEYWELL-6000 SERIES
- PDP (PERSONAL DATA PROCESSOR )
- IBM-370/168
- TDC-316
Fourth Generation computer in Hindi
चौथी पीढ़ी (Fourth Generation computer) के कंप्यूटर का प्रयोग वर्तमान समय में भी किया जाता है .इस पीढ़ी में I.C की जगह माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाने लगा .माइक्रो प्रोसेसर को BRAIN OF COMPUTER (कंप्यूटर का दिमाग ) भी कहा जाता है .चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI (GRAPHICAL USER INTERFACE ) का भी प्रयोग हुआ जो बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ .इसका आकार बहुत छोटा तथा गति बहुत तीव्र हो गयी .
इनपुट डिवाइस के रूप में माउस तथा MS DOS ऑपरेटिंग सिस्टम का पहली बार इस्तेमाल किया गया .कुछ समय बाद WINDOWS ऑपरेटिंग सिस्टम तथा C PROGRAMMING LANGUAGE का विकास हुआ . जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हो गया .चौथी पीढ़ी को कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति माना जाता है .
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं :-
- DEC 10
- STAR 1000
- PDP 11
- CRAY 1
- CRAY X MP
Fifth Generation Computer in Hindi
पांचवी पीढ़ी के Computer ने मानव जीवन को काफी आसान बना दिया है। आज इनकी उपयोगिता इतनी ज्यादा बढ़ गयी है Computer के बिना काम करना बेहद कठिन हो गया है।पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों में USLI (Ultra Large Scale Integrated Circuits) का प्रयोग किया जाने लगा, एक USLI चिप पर 1 करोड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाये जा सकते हैं, ऑप्टिकल डिस्क जैसे सीडी, डीवीडी ने स्टोरेज के क्षेत्र में क्रांति ला दी। Internet, ईमेल का विकास हुआ,
अब तक जिन कम्प्यूटरों के लिए बड़े-बड़े कमरों की आवश्यकता होती थी वो अब टेबल पर रखे जाने लगे, ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ, अब तो बडे आकार के मोनिटर की जगह हल्के फुल्के LED ने ले ली है, लोग ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी सोशल मीडीया से रूबरू हुए हैं, साथ कृत्रिम बुद्धि (Artificial intelligence) पर काम चल रहा है जीवन का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र बचा है जहां कि कम्प्यूटरों प्रयोग नहीं हो रहा हो।