Indian vs Chinese
कोरोना वायरस महामारी से हम सब की मानसिकता में बहुत बदलाव आया है। सभी का झुकाव लोकल प्रोडक्ट की ओर बढ़ा है । माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी VOCAL FOR THE LOCAL का नारा दिया है । साथ ही MAKE LOCAL GLOBAL का भी नारा दिया है । लोकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकता है। वर्तमान परिस्थिति में भारतीय बाजार पर सबसे ज्यादा हिस्सेदारी चीन की है। हरेक सेक्टर में चीन ने अपने प्रोडक्ट भारतीय बाजार में उतार रखे हैं । ऐसे में सवाल यह है चीन के प्रोडक्ट का LOCAL विकल्प क्या है ? इस पोस्ट के जरिये हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि अलग-अलग सेक्टर में लोकल विकल्प क्या क्या है ।
चायनीज मोबाइल का विकल्प
विषय-सूचि
मोबाइल सेक्टर में भारतीय बाजार में लगभग 70% की हिस्सेदारी चीन की है । चीन के मोबाइल ब्रांड की लम्बी लिस्ट है ।
- OPPO
- VIVO
- ONE PLUS
- REALME
- XIAOMI
- COOLPAD
- GIONEE
- HAIER
- G FIVE
- INFINIX
- HONOR
- TCL
- BLACK SHARK
- LENOVO
- ALCATEL
- HUAWEI
- KONKA
- LETV
- MEIZU
- QIKU
- VSUN
- ZOPO MOBILE
- ZTE
- ZUK MOBILE
इन 24 ब्रांड्स के साथ साथ न जाने कितने ऐसे छोटे छोटे ब्रांड्स भारत में मौजूद हैं जिनकी भारतीय बाज़ार पर अच्छी पकड़ है । अगर भारतीय मोबाइल ब्रांड्स की बात करें तो इसकी लिस्ट काफी लम्बी नहीं है ।
- MICROMAX
- KARBONN
- LAVA
- XOLO
- INTEX
- ONIDA
- LOOP
- SALORA
- VIDEOCON
- SWIPE
- SPICE
- I BALL
- JIO
- CELKON
इसके अलावा कुछ छोटे छोटे ब्रांड्स और भी हैं । ऊपर लिखे गए कुछ ब्रांड्स ने अपनी प्रोडक्शन बंद कर दी है । जो बचे हैं उनकी भी हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है । आज से पहले हमने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं कि हमें लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने चाहिए । इस कारण इनकी हालत इतनी खस्ता हो गयी। वैसे इस हालत के लिये ये कंपनियां खुद भी जिम्मेदार हैं ।
भारतीय मोबाइल ब्राण्ड के खस्ता हालत के कारण
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर पैसा खर्च न करना – किसी भी भारतीय कंपनी ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट या डिजाइनिंग पर कभी पैसा खर्च नहीं किया। अपना कोई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी नहीं लगाया । केवल चीन से सस्ते दाम पर फ़ोन खरीदकर फिर रिब्रान्डिंग कर अपना लोगो लगाकर भारतीय बाजार में बेचते रहे । इसलिए तब तक ही टिक पाए जब तक कि चीनी मोबाइल भारतीय बाजार में न आ गए । रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर पैसा खर्च करने जरुरत है तभी भारतीय ब्रांड बिकेंगे ।
- Assembled फ़ोन बनाना – मेड इन इंडिया का दावा करने वाली कंपनियां सिर्फ assemble किये हुए फ़ोन ही बनाती है । इसमें कंपनी को कोई डिजाइनिंग नहीं करनी होती है । सीधा Original Design and Manufacturing (ODM) company के पास अपनी जरुरत के अनुसार आर्डर देना होता है । जैसे अगर किसी कंपनी को 4-64 स्पेसिफिकेशन की मोबाइल चाहिए तो ODM Company पहले से डिजाईन की हुई किसी भी मोबाइल में उस कंपनी का लोगो लगाकर दे देती है ।
- सरकार की पॉलिसी – सरकार की पॉलिसी भी इसके लिए जिम्मेदार है । सरकार ने इस दिशा में कभी काम ही नहीं किया । मोबाइल कंपनियों को कभी भी अच्छी प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया । पर अब इस दिशा में काम हो रहा है ।हाल में ही लांच हुए EMC 2.0 स्कीम की वजह से अब भारत में ही मोबाइल के सभी पार्ट्स बनने लगेंगे ।
- चीन पर निर्भरता – चीन पर अति निर्भरता के कारण भी भारतीय कंपनियां कभी आगे नहीं बढ़ पायी । वहीँ चीन ने धीरे धीरे पूरे बाजार पर अपना कब्ज़ा जमा लिया ।
समस्या का समाधान
हमें भारतीय मोबाइल खरीदकर उन्हें प्रोत्साहित करने की जरुरत है । ताकि वे अच्छे से अच्छा प्रोडक्ट बना सकें । सरकार को भी इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाना होगा । इन कंपनियों को बैंक से सस्ते लोन उपलब्ध कराकर अच्छे प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा । तभी भारतीय कंपनियां चीन की कंपनियों के सामने टिक पाएंगी ।
चायनीज मोबाइल APP का विकल्प
आज हमारे मोबाइल में बहुत सारे चायनीज मोबाइल APP हैं। जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चीन को लाभ मिल रहा है । हाल ही में श्रीमान् सोनम वांगचुक जी ने एक वायरल हुए विडियो में कहा कि हमें चायनीज सॉफ्टवेयर को 7 दिनों में तथा चायनीज हार्डवेयर को 1 साल के अन्दर अपने जीवन से बाहर निकालना है। ये बात इन्होंने बिलकुल सही कही है । जब तक हम चायनीज प्रोडक्ट्स का पूर्ण बहिष्कार नहीं करेंगे हमारी अर्थव्यवस्था नहीं सुधर सकती ।
चायनीज मोबाइल APP को अपने मोबाइल से हटाने के लिए गूगल प्ले स्टोर से REMOVE CHINA APP इनस्टॉल कर लें। इस APP की यह ख़ासियत है कि यह चायनीज मोबाइल APP को पहचान कर उसे UNINSTALL करने का विकल्प देती है।
अब हमें यह भी जानना होगा कि चायनीज APP को UNINSTALL करने के बाद उसका विकल्प क्या है ? तो चलिये जानते हैं :-
Chinese Apps | Alternative Mobile Apps |
Shareit, Xender | Jio Switch, Share All, Files by Google |
CamScanner | Adobe Scan, Microsoft lens, Doc Scanner |
Zoom | Say Namaste, Microsoft Team, GoogleMeet |
UC Browser | Jio Browser, Chrome |
Tiktok, Hello, Likee | Roposo, Youtube, Instagram |
ClubFactory | Flipkart, TataCliq, Amazon |
U-Dictionary | English Hindi Dictionary |
Parallel Space | App Cloner |
Viva Video | Photo Video King Master |
Beauty Plus | LightX Photo Editor |
त्योहारों में चीनी समानों का उपयोग बंद
होली हो या दीपावली चीन सस्ते समानों के माध्यम से भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है।हमें यह समझना होगा कि चीनी समान खरीदकर हम अपने देश का आर्थिक नुकसान तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ हम अपने देश के सुरक्षा से भी खेल रहे हैं । यह बात किसी से भी छुपी नहीं है कि भारतीय बाजार से कमाये गए पैसे का इस्तेमाल वह आधुनिक हथियार बनाने में तथा आतंकवाद को बढ़ने में करता है ।
हमारी भारतीय परम्परा में प्रत्येक पर्व का कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण होता है । इसलिए हमें पर्व को उसी ढंग से मनाना चाहिए जैसा कि वेदों पुराणों में वर्णित है।जैसे कि दीपावली , दीपावली को बरसात के बाद मनाया जाता है। मिट्टी के दिये जलाने से बरसाती कीड़े मर जाते हैं। मिट्टी के दिये या मोमबत्ती जलाने से छोटे व्यापारियों के बिजनस को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए भारतीय पर्व में लोकल प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए ।
भारतीय प्रोडक्ट्स के प्रति लोगों में जागरूकता
देशी प्रोडक्ट्स के प्रति लागों को जागरूक करने की आवश्यकता है । लोगों को यह पता होना चाहिए की कौन सा प्रोडक्ट भारतीय है और कौन सा प्रोडक्ट विदेशी है ।लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं :-
विज्ञापनों में बदलाव
सभी तरह के विज्ञापनों में चाहे वो टेलीविज़न का विज्ञापन हो , चाहे समाचार पत्र का , या किसी भी माध्भायम का , भारतीय प्रोडक्ट्स को हाईलाइट किया जाना चाहिए। किसी भी विज्ञापन में यह हाईलाइट किया जाना चाहिए कि वह प्रोडक्ट कहाँ का है ।जापान एक बहुत ही छोटा सा देश है पर हमें उनसे कुछ सीख लेने की आवश्यकता है । प्रत्येक जापानी में देशभक्ति कूट कूट कर भरी होती है ।पूरी दुनियाँ को जापानी अपने प्रोडक्ट्स बेचते हैं पर चाहे उनके देश का कोई सामान खराब ही क्यों ना हो वो वही खरीदते है जो उनके देश में बनता है ।
मॉल में समानों की सजावट में बदलाव
मॉल में भारतीय प्रोडक्ट्स का बिलकुल अलग सेगमेंट होना चाहिए ताकि लोगों को सामान चुनने में आसानी हो ।लोगों को पता ही नहीं होता है कि कौन से प्रोडक्ट भारतीय हैं । मॉल में अलग से भारतीय सेगमेंट होने से लोगो में भारतीय प्रोक्ट्स के प्रति रूचि बढ़ेगी ।
सोच में बदलाव
जाने अनजाने आज विदेशी सोच हमपर हावी हो गयी है । विदेशी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने पर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं । हमें लगता है कि विदेशी चीजें हमारी हाई स्टेटस का सिंबल है । ऐसी सोच अपने आप नहीं आई है इसे थोपा गया है ताकि विदेशी कंपनियाँ अपने प्रोडक्ट्स भारतीय बाज़ार में बेच सकें।इस सोच में बदलाव की आवश्यकता है ।हमें भारतीय प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने पर फक्र महसूस होना चाहिए ।