भारत के सभी प्रधानमंत्री
इस पोस्ट भारत के सभी प्रधानमंत्री के माध्यम से हम भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्री तथा उनके कार्यकाल के बारे में जानेंगे। इन प्रधानमंत्रियों द्वारा अपने कार्यकाल में किये गए महत्वपूर्ण कार्यों पर भी नज़र डालेंगें। हम यह भी समझने की कोशिश करेंगे कि भारतीय राजनीति में आज़ादी के बाद क्या-क्या परिवर्तन आये। तो चलिए भारत के सभी प्रधानमंत्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First prime minister of India)
विषय-सूचि
पंडित जवाहर लाल नेहरू आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First prime minister of India) थे। इनका जन्म सन् 1889 में इलाहाबाद में हुआ था। पिता मोतीलाल नेहरू बैरिस्टर थे । धन धान्य की कोई कमी नहीं थी, ये धनी व्यक्ति थे। ऐसा कह सकते है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू मुँह में सोने के चम्मच के साथ पैदा हुए। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उस समय के सबसे अच्छे स्कूल तथा कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की थी। सात वर्ष इंग्लैंड में बिताने के बाद सन् 1912 में वे भारत लौटे और वकालत की शुरुआत की ।
वे महात्मा गाँधी को अपना आदर्श मानते थे। उन्होंने महात्मा गाँधी के उपदेशों के आधार पर पश्चिमी कपड़ो तथा संपत्ति का त्याग कर दिया । वे सादगी को अपनाकर खादी कपड़े तथा टोपी धारण करने लगे । सन् १९४७ में आज़ादी मिलने के बाद कांग्रेस में प्रधानमंत्री बनने के लिए मतदान हुआ। इसमें सरदार पटेल को सर्वाधिक मतदान मिले थे , परन्तु गांधीजी के कहने पर उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया । इस तरह पंडित जवाहर लाल नेहरू आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। वे 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक प्रधानमंत्री रहे । 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनके मृत्यु हो गयी। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने कार्यकाल में कई अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाया।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री (Acting Prime minister)
गुलज़ारीलाल नन्दा ने दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। पहली बार पंडित जवाहर लाल नेहरू के मृत्यु के पश्चात 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक 13 दिनों के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। दूसरी बार लालबहादुर शास्त्री के मृत्यु के पश्चात 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक पुनः 13 दिनों के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। दोनों समय वे भारत के गृह मंत्री थे इस कारण उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पदभार दिया गया । इनका जन्म 4 जुलाई 1898 को पंजाब के सयालकोट में हुआ था। सन् 1957 में वे पहली बार लोकसभा के सदस्य बने।पुनः 1962 में गुजरात के साबरकान्त लोकसभा सीट से जीत कर आये। सन् 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में वे हरियाणा के कैथल सीट से जीते।
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Second Prime minister of India)
श्री लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Second Prime minister of India) थे। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। वे गाँधीजी के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। उन्होंने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 1930 में गाँधीजी के साथ दांडी यात्रा में भी उन्होंने हिस्सा लिया था। वे बहार से जितने विनम्र थे अंदर से उतने ही दृढ़ थे। अपने फैसलों पर वे अडिग रहते थे। लाल बहादुर शास्त्री की पहचान एक ईमानदार एवं उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति के रूप में थी।
उन्हें 9 जून 1964 को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल बहुत उथल-पुथल भरा रहा। 1965 में भारत के दुश्मन पाकिस्तान ने अचानक हमला कर दिया। युद्ध के दौरान उन्होंने देश का नेतृत्व बहुत ही अच्छे ढंग से किया और पाकिस्तान को धूल चटायी । 11 जनवरी 1966 को रहस्यपूर्ण तरीके से उनकी मृत्यु हो। सरकारी दास्तावेजों के अनुसार उनकी मृत्यु हृदय आघात से हुई थी। परन्तु कुछ लोग उनके मृत्यु का कारण ज़हर हो मानते हैं। उनकी मृत्यु ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उसी रात को हुई थी। शास्त्री जी की अन्त्यष्टि पुरे राजकीय सम्मान के साथ यमुना नदी के किनारे विजय घाट में हुई। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
शास्त्री जी की मृत्यु के पश्चात् गुलज़ारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। वे 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री रहे जब तक की इंदिरा गाँधी को कांग्रेस संसदीय दाल द्वारा प्रधानमंत्री न चुन लिया गया।
भारत के तीसरे प्रधानमंत्री (Third Prime minister of India)
श्रीमती इंदिरा गाँधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री (Third Prime minister of India) थीं। इनका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू तथा माता का नाम कमला नेहरू था। इन्हे “गाँधी” उपनाम फ़िरोज़ गाँधी से विवाह करने के पश्चात् मिला था। इनकी स्कूली शिक्षा शांतिनिकेतन में हुई थी। शांति निकेतन में ही रविंद्र नाथ टैगोर ने इन्हे “प्रियदर्शिनी” नाम दिया था। स्कूली शिक्षा के बाद ये इंग्लैंड चली गयीं वही पर ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में इन्होंने आगे की शिक्षा प्राप्त की। 1941 में भारत आने के पश्चात् ये भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गयीं। श्री लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद इन्हे प्रधानमंत्री बनाया गया।
इनका राजनीतिक जीवन काफी उथल पुथल भरा रहा। सन् 1971 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। इस युद्ध में भारत को जीत मिली। इसके बाद देश में सन् 1975 में आपातकाल लगा दिया गया। इसमें कई तरह की यातनाएँ भी दी गयीं। आपातकाल के निर्णय की काफी आलोचना हुई। तीसरे प्रधानमंत्री के रूप में इन्होने 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक कार्य किया।
भारत के चौथे प्रधानमंत्री (Fourth prime minister of India)
श्री मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री (Fourth prime minister of India) थे। इनका जन्म 29 फ़रवरी 1896 को गुजरात के भदेली में हुआ। मोरारजी देसाई की शिक्षा मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज से हुई। वे ब्रिटिश सरकार में बतौर अफसर नौकरी करते थे। परन्तु सन् 1930 में उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़ दी और वे स्वतंत्रता सेनानी बन गए। ये गाँधीजी के जीवन से काफी प्रभावित थे। वर्ष 1967 में इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री बनाया गया। उनके अपने पार्टी के सदस्यों से काफी मतभेद थे। उन्होंने 1975 में कांग्रेस को छोड़ कर जनता पार्टी का दमन थाम लिया। 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ और मोरारजी देसाई 24 मार्च 1977 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे 2 वर्ष 126 दिन प्रधानमंत्री रहे। पार्टी में कई सदस्यों से मदभेद के चलते उन्हें स्तीफा देना पड़ा।
भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री (Fifth prime minister of India)
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री (Fifth prime minister of India) थे। इन्हें किसानों का नेता भी कहा है। इनका जन्म उत्तरप्रदेश के नूरपुर नामक स्थान में हुआ। इनका पालन पोषण तथा शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई। इस वजह से किसानों के प्रति इनकी विशेष संवेदना थी। ये किसानों के साथ हो रहे अत्याचार के विरूद्ध हमेशा आवाज़ उठाते थे। इन्होनें किसानों के लिए बहुत से कार्य किये थे। इन्होनें अपनी प्रारंभिक शिक्षा समाप्त करने के पश्चात् आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ली। तत्पश्चात 1928 में उन्होंने गाज़ियाबाद में वकालत शुरू की।
गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत नमक कानून तोड़ने का आह्वाहन किया। चौधरीजी ने गाज़ियाबाद के निकट बहने वाली हिण्डन नदी में नमक बनाया और नमक कानून को तोड़ा। इस कारण उन्हें अंग्रेजों द्वारा 6 महीने की जेल की सजा भी दी गयी थी। आज़ादी के दीवाने चौधरी चरण सिंह ने इसके बाद सक्रियता से स्वतंत्रता सेनानी बन गए।
राजनीतिक जीवन
राजनीतिक जीवन की बात करें चौधरी चरण सिंह काफी समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे । यह केंद्र सरकार ने में गृह मंत्री, वित्त मंत्री, तथा उप प्रधानमंत्री का पद संभाला था । वित्त मंत्री के अपने कार्यकाल में इन्होंने नाबार्ड की स्थापना की जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था । सन 1979 में आंतरिक कलह की वजह से मोरारजी देसाई की सरकार गिर गई और कॉन्ग्रेस (आई) और समाजवादी पार्टियों की मदद से इन्हें 28 जुलाई 1979 को सरकार बनाने का मौका मिला। इन्हें 20 अगस्त 1979 तक बहुमत साबित करने का मौका मिला । 19 अगस्त 1979 को कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया इस तरह चौधरी चरण सिंह की सरकार नहीं बन पाई । इनके बारे में यह कहा जाता है कि यह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हें संसद में बोलने का मौका नहीं मिला ।
चौधरी चरण सिंह की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया । लोकसभा चुनाव होने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे । इस प्रकार वे कुल 170 दिन प्रधानमंत्री रहे । इसके बाद इंदिरा गाँधी की पार्टी ने बहुमत प्राप्त किया। 14 जनवरी 1980 से उनकी हत्या तक (31 अक्टूबर 1984 ) इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री रहीं।
भारत के छठे प्रधानमंत्री (Sixth prime minister of India)
श्री राजीव गाँधी भारत के छठे प्रधानमंत्री (Sixth prime minister of India) थे। इनका जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। इंदिरा गांधी के पुत्र तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाती थे । इनकी शिक्षा इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से हुई थी । वहीं इनकी मुलाकात एंटीनो माईनो यानी सोनिया गांधी से हुई थी । उन्होंने सन 1968 में विवाह कर लिया । राजीव गांधी और सोनिया गांधी की दो संतानें हुई राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी ।
पहले इनकी रूचि राजनीति में नहीं थी । परंतु सन 1980 में संजय गांधी की असामयिक मृत्यु के पश्चात अपनी माता इंदिरा गांधी की सहायता करने के लिए यह राजनीति में आए । अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सांसद बने थे ।31 अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात इन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया। राजीव गांधी भारत में सूचना क्रांति के जनक माने जाते हैं । मतदान करने की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का श्रेय भी राजीव गांधी को ही जाता है ।
इनके राजनीतिक जीवन में बहुत से गंभीर आरोप लगे । जिसमें बोफोर्स घोटाला प्रमुख है । इस गंभीर आरोप चलते ही इन्हें अगले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा । हालांकि यह आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है पर यह राजनीतिक फेरबदल का एक बहुत बड़ा कारण बना। इस चुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह एक सशक्त नेता के रूप में उभरे ।
21 मई 1991 को आतंकवादी संगठन LTTE (लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम) के द्वारा श्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। वे 5 वर्ष 32 दिन प्रधानमंत्री रहे ।
भारत के सातवें प्रधानमंत्री (Seventh prime minister of India)
श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के सातवें प्रधानमंत्री (Seventh prime minister of India) थे। इनका जन्म 25 जून 1931 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था । इन्होंने अपनी शिक्षा इलाहाबाद तथा पुणे विश्वविद्यालय से पूरा किया । यह कई वर्षों तक छात्र यूनियन के अध्यक्ष भी रहे । राजीव गांधी सरकार में ये वित्त मंत्री थे । वित्त मंत्री रहने के दौरान दोनों के बीच में काफी टकरा हुआ । क्योंकि इन्हें पता चला था कि कई नेताओं ने काला धन विदेशों में जमा करके रखा है । बोफोर्स मामले में दलाली को इन्होंने ही उजागर किया था । पार्टी विरोधी कार्य के आरोप में इन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया । इस दौरान उन्होंने अपनी छवि सादगीपूर्ण एवं ईमानदार नेता के रूप में बना ली थी ।
1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी क्षति उठानी पड़ी ।विश्वनाथ प्रताप सिंह के राष्ट्रीय मोर्चा को भारतीय जनता पार्टी एवं वामदलों के मदद से सरकार बनाने का मौका मिला। विश्वनाथ प्रताप सिंह को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई । परंतु यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चली । प्रधानमंत्री के रूप में विश्वनाथ प्रताप सिंह का कार्यकाल 1 वर्ष से भी कम समय का था । 343 दिन प्रधानमंत्री के पद पर रहे ।
भारत के आठवें प्रधानमंत्री (Eighth prime minister of India)
श्री चंद्रशेखर भारत के आठवें प्रधानमंत्री (Eighth prime minister of India) थे । इनका जन्म 17 अप्रैल 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था । इनका जन्म कृषक परिवार में हुआ था । इनकी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई थी । वर्ष 1977 में पहली बार बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे । उनकी पहचान एक फायरब्रांड नेता के रूप में थी ।श्री चंद्रशेखर द्वारा 6 जनवरी, 1983 से 25 जून, 1983 तक देशवासियों से मिलने एवं उनकी महत्वपूर्ण समस्याओं को समझने के लिए अपने वक्त की बहुचर्चित ‘भारत यात्रा’ की गई थी । इस यात्रा से वर्तमान प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी भी घबरा गयीं थी।
10 नवंबर 1990 को उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।यह सरकार ज्यादा दिनों तक टिकी। बाद में कांग्रेस से मदभेद के कारण इन्होंने अपने 60 सांसदों के साथ प्रधानमंत्री पद से स्तीफा दे दिया।
भारत के नौवें प्रधानमंत्री (Ninth prime minister of India)
श्री पी वी नरसिम्हा राव भारत के नौवें प्रधानमंत्री (Ninth prime minister of India) थे। इनका पूरा नाम पामूलापति वेंकट नरसिम्हा राव था। इनका जन्म 28 जून 1921 को आँध्रप्रदेश के करीमनगर में हुआ था। इन्होने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये। वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर इन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया। इस कारण इन्हें भारत के अर्थव्यवस्था सुधार का पिता भी कहा जाता है। बहुत ही साधारण परिवार से सम्बन्ध रखने वाले श्री राव प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। इनकी कई भाषाओं में अच्छी पकड़ थी।
पी वी नरसिम्हा राव एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी थे।आज़ादी के बाद ये कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन काल में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला। वे आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। 1984 में रामटेक सीट से वे लोकसभा सांसद चुने गए। 21 जून 1991 को वे प्रधानमंत्री बने। इनके कार्यकाल में बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस घटना के बाद देश में कई जगहों पर दंगे हुए। इसमें गुजरात दंगा प्रमुख है।
ये 16 मई 1996 तक प्रधानमंत्री बने रहे। उनकी सरकार अल्पमत में थी फिर भी उन्होंने 5 साल पूरा करने में सफलता हासिल की। उनकी इस योग्यता के कारण उन्हें ‘चाणक्य’ भी कहा गया। 9 दिसंबर 2004 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया। 23 दिसंबर 2004 को उनकी मृत्यु हो गयी।
भारत के दसवें प्रधानमंत्री (Tenth prime minister of India)
श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री (Tenth prime minister of India) थे। श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी स्कूल शिक्षक हुआ करते थे।उनकी आरंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई। बाद में वे उच्च शिक्षा के लिए कानपुर चले गये। वे एक प्रखर वक्ता , कवि एवं ज्ञान के धनि व्यक्ति थे।वे अपने दृढ़ तथा अटल फैसलों के बारे में भी जाने जाते हैं।उन्होंने सक्रीय रूप से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वे RSS के भी सदस्य थे। 1977 में मोरारजी देसाई सरकार में वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने पड़ोसी देश चीन, तथा पाकिस्तान से सम्बन्ध सुधरने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये। 1979 में उन्होंने जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। 1980 में उन्होंने अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी बनाई।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ही ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 3 बार प्रधानमन्त्री पद मिला। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 6 वर्ष 80 दिनों का रहा। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में इन्होनें कई महत्वपूर्ण कार्य किये। जिसमें कि पोखरण में परमाणु परीक्षण महत्वपूर्ण है। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण कदम था। 2005 में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। 2009 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता रहा। 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गयी।
भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री (Eleventh prime minister of India)
श्री एच डी देवेगौड़ा भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री (Eleventh prime minister of India) थे। इनका पूरा नाम हरदनहल्ली डोडे गौड़ा देवगौड़ा है। इनका जन्म 18 मई 1933 को कर्नाटक के हरदनहल्ली गांव में हुआ था। ये किसान परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। राजनीती में इनका जुड़ाव बहुत ही कम उम्र से ही हो गया था। ये आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे।
1991 में वे हासन लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।1996 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला।पी वी नरसिम्हा राव को इस्तीफा देना पड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी भी बहुमत सिद्ध नहीं कर पाए। इस तरह कई दलों ने साथ मिलकर सरकार बनाई और श्री एच डी देवेगौड़ा भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री बनाये गए।ज्यादा दिनों तक यह सरकार टिकी नहीं और 21 अप्रैल 1997 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 324 दिनों का रहा।
भारत के बारहवें प्रधानमंत्री (Twelfth prime minster of India)
श्री इन्द्र कुमार गुजराल भारत के बारहवें प्रधानमंत्री (Twelfth prime minster of India) थे। इनका जन्म 4 दिसंबर 1919 को पंजाब के झेलम में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। इसके बाद आगे की पढ़ाई फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज और कॉलेज की पढ़ाई हैली कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पूरी की। उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बरकरार रखने के आधारभूत सिद्धांत दिए। वी पी सिंह एवं देवगौड़ा सरकार में उन्होंने विदेश मंत्री की भूमिका निभायी।
21 अप्रैल 1997 को इन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला। परन्तु इन्होने महज 332 दिन ही प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। गुजराल लम्बे समय से डायलिसिस पर चल रहे थे। लम्बी बीमारी के बाद उनका निधन 30 नवंबर 2012 को हो गया।
भारत के तेरहवें प्रधानमंत्री (Thirteenth prime minister of India)
डॉ मनमोहन सिंह भारत के तेरहवें प्रधानमंत्री (Thirteenth prime minister of India) थे। इनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पंजाब प्रान्त में हुआ था। बचपन से ही उन्हें पढाई में रूचि थी और वह कक्षा में अक्सर अव्वल आते थे।मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए जहा उन्हने स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की।इस काबिल नेता ने अपनी नम्रता, नैतिकता और नीतिमत्ता के लिए काफी सराहना प्राप्त की है। मनमोहन सिंह की क्षमता और नेतृत्व कुशलता को भारतीयों ने स्वीकार किया और लगातार दूसरी बार उन्हें प्रधानमंत्री चुना।
2004 में लोकसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गाँधी ने डॉ मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में चुना। 2009 में पुनः कांग्रेस के जीत के बाद वे प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह का कार्यकाल 10 वर्ष 04 दिनों का रहा।
भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री (Fourteenth prime minister of India)
श्री नरेंद्र दामोदर मोदी भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री (Fourteenth prime minister of India) बने। इनका जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे।2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने प्रचंड जीत हासिल की। ये युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं। अकाशवाणी में प्रसारित मन की बात प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाने वाला कार्यक्रम है जो बहुत ही लोकप्रिय है। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किये है उनमें से कुछ इस प्रकार हैं :-
महत्वपूर्ण कार्य
1 . 2014 से अब तक 18000 गाँवों में बिजली पहुँचाया गया है ।
2. अब तक 38 करोड़ जन-धन खाते खोले गए हैं।
3. 2 करोड़ आवास का निर्माण किया गया है।
4. 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है ।
5. मुद्रा योजना के तहत 24 करोड़ से ज्यादा लोगो को बैंक लोन दिया गया है
6. 70 लाख लोगों को स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा चुका है ।
7. 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card) दिया गया है ।
8. बीज और खाद खरीद के लिए मोदी सरकार हर वर्ष 6000 रुपये डाल रही है।
9.बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत हुई है।
10. उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को गैस दिया गया है।
11. बच्चियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत हुई है।
12. 6 करोड़ लोगों को PM जीवन ज्योति योजना का लाभ मिला है।
13. आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
14. सदियों से उत्पीड़न का शिकार हो रही मुस्लिम महिलाओं को 3 तलाक के दंश से छुटकारा दिलवाया।
15. 35A और 370 खत्म कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार किया।
16. अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी ।
17. मोदी सरकार ने अन्तरिक्ष के क्षेत्र में मंगल अभियान को अंजाम दिया।
18. 2 करोड़ बुजुर्गों को भी अटल पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है।
19. इंद्रधनुष योजना की शुरुआत हुई है।
20. स्वच्छ भारत योजना की शुरुआत हुई।
21. बिजली बिल कम करने के लिए LED बल्ब लगाने का एक और बड़ा अभियान चलाया।
22. अभी तक 36 करोड़ LED बल्ब का वितरण हो चुका है।
23. नोट बंदी कर काले धन पर लगाम लगाया।
24. GST की शुरुआत हुई।
अन्य कार्य
29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया ।
आतंकवाद के खात्मे के लिए मिशन आल आउट लाया ।
पाकिस्तान के चेहरे को दुनिया के सामने उजागर किया ।
विदेशी निवेश को बढ़ने की दिशा में कार्य किया।
मेक इन इंडिया और मेक फॉर इंडिया पर जोर दिया।
वोकल फॉर लोकल का नारा दिया।
नरेंद्र मोदी द्वारा रचित
सेतुबन्ध
कर्मयोग
आपातकाल में गुजरात
एक भारत श्रेष्ठ भारत
ज्योतिपुंज
सामाजिक समरसता
आँख आ धन्य छे
सारांश
पंडित जवाहर लाल नेहरू आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First prime minister of India) थे।
गुलज़ारीलाल नन्दा ने दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
श्री लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री (Second Prime minister of India) थे।
श्रीमती इंदिरा गाँधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री (Third Prime minister of India) थीं।
मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री (Fourth prime minister of India) थे।
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री (Fifth prime minister of India) थे।
राजीव गाँधी भारत के छठे प्रधानमंत्री (Sixth prime minister of India) थे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के सातवें प्रधानमंत्री (Seventh prime minister of India) थे।
श्री चंद्रशेखर भारत के आठवें प्रधानमंत्री (Eighth prime minister of India) थे ।
पी वी नरसिम्हा राव भारत के नौवें प्रधानमंत्री (Ninth prime minister of India) थे।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री (Tenth prime minister of India) थे।
एच डी देवेगौड़ा भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री (Eleventh prime minister of India) थे।
श्री इन्द्र कुमार गुजराल भारत के बारहवें प्रधानमंत्री (Twelfth prime minster of India) थे।
डॉ मनमोहन सिंह भारत के तेरहवें प्रधानमंत्री (Thirteenth prime minister of India) थे।
श्री नरेंद्र दामोदर मोदी भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री (Fourteenth prime minister of India) बने।
वर्तमान में श्री मोदी प्रधानमंत्री हैं ।
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