Web 3 क्या है ?
विषय-सूचि
Web 3 internet की दुनियां का भविष्य है। यह Blockchain पद्धति पर आधारित होगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी कि यह विकेन्द्रीयकृत (Decentralized ) होगा। आज हमलोग जो इंटरनवत इस्तेमाल कर रहे हैं वह केंद्रीकृत है। इसमें डाटा , एप्लीकेशन और सेवाएँ बड़ी कंपनियों के पास है जैसे कि गूगल , फेसबुक , अमेज़न , फ्लिपकार्ट इत्यादि। अभी के इंटरनेट में डाटा की प्राइवेसी सबसे बड़ी समस्या है। तो आज के इस पोस्ट में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि Web 3 एंड Decentralization से क्या इस समस्या का निदान होगा ? इसमें क्या – क्या चुनौतियाँ हैं यह भी जानने की कोशिश करेंगे।
Web 2 इंटरनेट की कमियाँ
अभी के दौर में हम web 2 इंटरनेट को इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले हम इंटरनेट के प्रारंभिक संस्करण वेब 1 का इस्तेमाल कर रहे थे। वेब 1 में साइट्स गतिशील HTML के वजय स्थिर सामग्री वितरित करती थी। इसका दौर 1991 – 2004 तक चला। इसके पश्चात वेब 2 की शुरुआत हुई। वेब 2 ने हमें अद्भुत उपकरण और प्लेटफार्म प्रदान किये, लेकिन इसके साथ कुछ गंभीर समस्याएँ भी आयी हैं। आइये हम उन समस्याओं की चर्चा करते हैं तथा यह जानने की कोशिश करते हैं कि web and decetralization की जरूरत क्यों महसूस हो रही है।
केंद्रीकृत नियंत्रण
Web 2 की सबसे बड़ी समस्या यह है कि कुछ बड़ी कम्पनियाँ अधिकांश इंटरनेट ट्रैफिक तथा डाटा को नियंत्रित करते हैं। गूगल।, फेसबुक , अमेज़न और एप्पल जैसी कम्पनियों के पास बहुत बड़ी शक्ति है। इन कम्पनियों के पास हमारी दिनचर्या, हमारी आदतों के अलावा हमारे location , हमारी पसंद तथा नापसंद की चीजों का पूरा डाटा होता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि ये बड़ी कम्पनियाँ इन महत्वपूर्ण डाटाओं का इस्तेमाल किसी भी रूप में कर सकते हैं।
डाटा का दुरूपयोग
ऐसे कई मामले संज्ञान में आये हैं जिससे यह पता लगता है कि के कम्पनियाँ डाटा का दुरूपयोग करती हैं। जैसे कि कैंब्रिज अनलिटिका स्कैंडल में फेसबुक प्रोफाइल्स का राजनितिक विज्ञापन के लिए उपयोग किया गया था।
सेंसरशिप
अलग – अलग देशों में अलग – अलग कानून होते हैं। हमारे देश में ” बोलने की आज़ादी ” का कानून है। परन्तु हाल के ही एक प्रकरण में ट्विटर तथा यू टूयूब के द्वारा कंटेंट हटाने पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस कारण फ्री स्पीच के मुद्दे पर बहस छिड़ गयी थी।
एकल बिंदु विफलता
अभी हाल का घटनाक्रम याद हो तो , फेसबुक के सर्वर में कुछ समय के लिए खराबी आ गयी थी जिसके कारण इसके लाखों उपयोगकर्ता प्रभावित हुए थे। Furthermore, इस तरह की घटना व्हाट्सप्प , इंस्टाग्राम तथा यू ट्यूब के साथ भी कई बार हो चुकी है। Further, केन्द्रीयकृत सेवा की सबसे बड़ी कमी यही है कि एक जगह से खराबी आने पर लाखों उपयोगकर्ता प्रभावित होते हैं।
व्यक्तिगत निजता का हनन
हमें अपने संविधान द्वारा “निजता का अधिकार ” प्राप्त है। परन्तु Web 2 इंटरनेट में व्यक्तिगत निजता अक्सर दूसरों के हाथ में होती है। Further कंपनियों द्वारा विशाल मात्रा में डाटा एकत्र किया जाता है तथा इसे विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है। इन कंपनियों द्वारा कभी भी निजी डाटा का दुरूपयोग किआ जा सकता है।
अवसरों की असमानता
अभी के परिपेक्ष में देखें तो वर्तमान इंटरनेट संरचना अक्सर बड़े कप्म्पनियों के पक्ष में होती है। जिससे छोटे व्यवसाय के लिए बाधा उत्पन्न होती है। उदहारण के लिए अमेज़न तथा फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के सामने छोटे ई-कॉमर्स कंपनियों का प्रतिस्पर्धा करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
Web 2 संरचना में परिवर्तन की आवश्यकता
Web 2 की संरचना में कमी के कारण उपयोगकर्ता के बीच असंतोष बढ़ रहा है। अब एक सुरक्षित इंटरनेट की मांग शुरू हो चुकी है। जिसमें कि उपयोगकर्ता की निजी जानकारी साझा न हो।
उपयोगकर्ता नियंत्रण की मांग
आज के दौर में उपयोगकर्ता अपने डाटा के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार 82 % अमेरिकी नागरिकों को इस बात की चिंता है कि उनके निजी डाटा का उपयोग बड़ी कंपनियों द्वारा किस ढंग से किया जाता है। यह जागरूकता लोगों को Web 2 का विकल्प ढूँढने के लिए प्रेरित कर रही है जिसमें निजता का प्रभुत्व अपने पास हो।
Blockchain तकनीक का उद्भव
यह तकनीक डाटा स्टोरेज तथा लेनदेन को विकेन्द्रीकृत करने का तरीका प्रदान करती है। इस तकनीक पर आज के दौर में क्रिप्टोकरेन्सीज काम करती है। इस तकनीक ने क्रिप्टोकरेन्सीज की सफलता के माध्यम से अपनी क्षमता को साबित किया है , जो बिना किसी केंद्रीय प्रभुत्व से संचालित होती है।
Decentralized Finance की सफलता
Decentralized Finance (DeFi) Web3 का एक ऐसा उदहारण है जिसमें बिना किसी मध्यस्थों ( बैंक ) के वित्तीय सेवाएँ प्रदान करता है। Uniswap और Aave जैसे DeFi प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेन्सी को सीधे एक दूसरे के साथ ट्रेड करने की अनुमति देते हैं। 2023 तक DeFi प्रोटोकॉल्स का कुल मूल्य 500 बिलियन डॉलर से भी अधिक हो गया। यह उपयोगकर्ता के Web 3 पर विश्वास को दर्शाता है।
Web 3 and Decentralization
Web 3 का उद्देश्य Web 2 की समस्याओं को Decentralized करके हल करना है। In other words में कहें तो डाटा एप्लीकेशन या सेवाओं को कोई एक कंपनी नियंत्रित न करके इसको उपयोगकर्ताओं के बीच में बाँट देना है।
यह Network कैसे कार्य करता है ?
Web 3 decentralized नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। यह नेटवर्क ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं। इस तकनीक में डाटा को कई नोड्स (कंप्यूटर ) में वितरित किया जाता है , प्रत्येक नोड के पास डाटा की एक कॉपी होती है , परन्तु कोई भी नोड पूरे नेटवर्क को नियंत्रित नहीं कर सकता है। Further, यह तकनीक नेटवर्क को सेंसरशिप , ब्रेकडाउन और हैकिंग के प्रति विश्वासप्रद बनाता है।
फ़ाइलकॉइन और विकेन्द्रीकृत स्टोरेज
इस तकनीक में किसी डाटा को कई टुकड़ों में विभाजित करके विभिन्न नोड्स में एकत्रित किया जाता है। यह डाटा की सुरक्षा को बढ़ता है। मतलब फ़ाइलकॉइन एक decentralized storage network है जो उपयोगकर्ताओं को उनकी unused हार्ड ड्राइव स्पेस को क्रिप्टोकरेन्सी के बदले किराये पर देता है।
उपयोगकर्ताओं के डाटा की गोपनीयता
Web 3 में क्रिप्टोग्राफिक्स तकनीक से उपयोगकर्ता अपने डाटा का प्रबंधन कर सकते हैं। इस तकनीक के उपयोग से किसी एक कंपनी को निजी डाटा सौंपने की जरुरत नहीं पड़ती है।
Web 3 इंटरनेट का भविष्य है ?
इस Web 2 इंटरनेट में कई तरह की कमियाँ हैं। Web 3 and Decentralization को इसके समाधान के रूप में देखा जा रहा है , परन्तु इसमें भी कई तरह की चुनौतियाँ हैं।Further , कई बिन्दुओं पर इसे आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
तकनीकी चुनौतियाँ
एक Decentralized इंटरनेट का निर्माण एक चुनौती भरा काम है। Further, इसका कारण है कि ब्लॉकचेन जैसी तकनीक अभी अपने शुरूआती चरण में है। अभी इसमें बहुत सारे तकनीकी सुधार की आवश्यकता है।
नियामक अनिश्चितता
जैसा की पहले बताया गया कि Web 3 का कण्ट्रोल किसी एक जगह नहीं रहता। इस कारन दुनियां भर की सरकारें यह पता लगा रही है कि क्रिप्टोकरेन्सी , DeFi और अन्य विकेन्द्रीकृत तकनीकों को कैसे विनियमित किया जाए। Further, स्पष्ट विनियमों की कमी Web 3 की वृद्धि को बाधित कर सकती है।
उपयोगकर्ताओं का सकारात्मक अनुभव
Web 3 and Decentralization को सफल होने के लिए इसे Web 2 जैसा ही उपयोगकर्ता के अनुकूल होना अति आवश्यक है।
वर्तमान में Web 3 के अवधारणा को समझना थोड़ा कठिन है।
आम जनमानस जो कि तकनीकी रूप से उत्कृष्ट नहीं है वो प्राइवेट कीज , वॉलेट्स और गैस फीस जैसी जटिल अवधारणाओं को नहीं समझ सकता।
Moreover , इसके जटिलताओं को काम करने की आवश्यकता है।
वरना इसके अपनाने की गति बहुत धीमी हो जाएगी।
सारांश एवं निष्कर्ष
Moreover, Web 3 and Decentralization इंटरनेट के भविष्य की एक परिदृष्टि को प्रस्तुत करता है।
जो वर्तमान में Web 2 में अवस्थित कई समस्याओं को हल करने का दावा करता है।
Hence, विकेन्द्रीकृत नेटवर्क उपयोगकर्ता के लिए एक सकारात्मक पहल है।
Additionally Web 3 and Decentralization अपने शैशवकाल में है तथा इसमें बहुत सारे सुधार की जरूरत है।
Hence, अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि web 3 इंटरनेट प्रमुख मॉडल बनेगा या नहीं।
Moreover , इसमें कोई संशय नहीं है कि Web 3 भविष्य के इंटरनेट को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Lastly, इंटरनेट का भविष्य हमारे आज के विकल्पों द्वारा निर्धारित होगा ।
Finally, हम विकेन्द्रीकरण को पूरी तरह से अपनाएँ या एक मध्य मार्ग खोजें Web 3 and Decentralization की पीछे के सिद्धांत उपयोगकर्ता नियंत्रण , प्राइवेसी और सामुदायिक भागीदारी में निस्संदेह आने वाले वर्षों में इंटरनेट की दिशा को प्रभावित करेंगे।
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