पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा होती है।
दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है
तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी की आराधना होती है।
चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा होती है।
पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है।
छठे दिन देवी कात्यायनी की आराधना होती है।
सातवें दिन कालरात्रि की पूजा होती है।
आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है।
नौवें और दशमी के दिन सिद्धिदात्री देवी की आराधना की जाती है।