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On Page SEO For Content Writing In Hindi

आज इंटरनेट में प्रकाशित हरेक Content का SEO करना बहुत जरुरी है। क्योकि बिना SEO के कोई भी content Google Search इंजन पर रैंक नहीं कर सकता है। गूगल सर्च इंजन ही नहीं बल्कि कोई भी सर्च इंजन के लिए किसी Content,blog, web Page का SEO करना बहुत जरुरी है। इसलिए हम सबसे पहले यह समझेंगे कि SEO यानि Search Engine अनुकूलन किसे कहते है। फिर हम इस पोस्ट के माध्यम से यह भी समझेंगे कि Content Writing के लिए On Page SEO करना क्यों जरुरी है।

आसान भाषा में समझें तो SEO ऐसी तकनीक है, जिससे हम किसी वेबसाइट या वेबपेज को सर्च इंजन के लिए optimize करते हैं। ताकि उस वेबसाइट या वेबपेज को सर्च इंजन पर रैंक कराया जा सके। जिससे ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक आ पाए। हम On Page SEO को समझें उससे पहले हमें यह जान लेना उपयोगी रहेगा की सर्च इंजन काम कैसे करता है। कोई भी सर्च इंजन तीन चरणों में कार्य करता है 1. Crawling 2.Indexing और 3. Ranking .

आईये अब हम इन तीनो चरणों से अवगत होते हैं।

क्रॉलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सर्च इंजन का क्रॉलर या स्पाइडर इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइट और वेबपेज पर आता है। क्रॉलर वेबपेज से information इकठ्ठा करके उसे अपने सर्वर में भेज देता है। सर्च इंजन पर रैंक करने के लिए किसी भी वेबसाइट पर क्रॉलर का विजिट करना आवश्यक है। Google search Console की मदद से यह पता किया जा सकता है कि किसी वेबसाइट या वेबपेज की क्रॉलिंग हुई है या नहीं।

सर्च इंजन पर रैंक करवाने के लिए दूसरा सबसे अहम् बिंदु है इंडेक्सिंग करना। क्रॉलर द्वारा वेब पर मौजूद इनफार्मेशन के आधार पर सर्च इंजन के सर्वर में इंडेक्सिंग की जाती है। मतलब क्रॉलर द्वारा इकठ्ठा किया गए इनफार्मेशन को अलग अलग category में बाँट दिया जाता है। Google Search Console द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि किसी पेज को google द्वारा index किया गया है या नहीं।

इंडेक्सिंग के बाद बारी आती है किसी वेबसाइट या वेबपेज के रैंकिंग की। किसी वेबपेज को google पर रैंक कराने के लिए बहुत सारे factors काम करते हैं। उन Factors की चर्चा आगे हम इस पोस्ट में करेंगे।

On Page SEO को प्रभावित करने वाले बहुत से कारक हैं , जिसकी चर्चा हम एक एक कर इस पोस्ट के माध्यम से करेंगे।

SEO kya hai

जहाँ on page SEO की बात आती है वहां quality content का होना बहुत आवश्यक है। किसी भी वेबसाइट पर ऐसा content नहीं होना चाहिए जो कहीं से कॉपी किया गया हो। इसके कारण google द्वारा उस साइट को spam कर दिया जाता है। इसके अलावा उसकी रैंकिंग भी घटा दी जाती है। अपने वेबसाइट पर Original तथा Quality content को डालना बहुत जरुरी है। on page SEO को प्रभावित करने वाला यह बहुत बड़ा कारक है।

आपके वेबसाइट या वेबपेज पर कही भी AI Generated कंटेंट नहीं होना चाहिये। इसे गूगल बहुत गहराई से देखता है। अगर कही भी ऐसा पाया जाया है तो उसे spam कर दिया जाता है। बहुत से मामले में ऐसा देखा गया है कि AI Generated कंटेंट को Humanize करके पोस्ट कर दिया जाता है। परन्तु यह करना भी सही नहीं है। क्योंकि सर्च इंजन आज इतना एडवांस हो गया है कि वह आसानी से पता कर लेता है की किस कंटेंट को Humanize किया गया है। इस कारण AI का उपयोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। परन्तु इसका इस्तेमाल कंटेंट लिखने में न करना ही बेहतर है।

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारक Keyword Density है। किसी भी वेब पेज या वेबसाइट में Keyword Density न तो बहुत कम होनी चाहिए और न ही बहुत ज्यादा। Keyword Density कम होने पर रैंकिंग की संभावना कम हो जाती है। Keyword Density ज्यादा होने पर (जिसे Keyword Stuffing भी कहा जाता है) भी रैंकिंग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अगर किसी Keyword को रैंकिंग लाने के लिए बार बार इस्तेमाल किया जा रहा है तो गूगल उसे Derank भी कर सकता है। इससे बचने के लिए LSI Keywords या Keywords के synonyms का इस्तेमाल करना सही होता है।

On Page SEO को प्रभावित करने में Core Web Vitals भी महत्वपूर्ण है। सबसे पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि Core Web Vitals क्या होता है। साधारण भाषा में समझें तो यह दर्शाता है कि कोई वेबसाइट का डिवाइस पर लोडिंग टाइम क्या है। इसमें तीन चीजों को देखा जाता है :-

आइये हम LCP, FID तथा CLS को थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

यह किसी वेबसाइट के सबसे बड़े इमेज को लोड होने वाला टाइम है। यह 2.5 – 4.0 सेकंड के बीच होना चाहिए।

यह किसी वेब पेज के उस टाइम को दर्शाता है जब वह खुलने के लिए पूर्णतया तैयार हो। यह 100-300 ms के बीच होना चाहिए।

यह किसी पेज को static होने में लगने वाला समय है। इसे 0.1-0.2s के बीच होना चाहिए।

on पेज seo के लिए Core Web Vital का ठीक होना आवश्यक है। यदि आप वर्डप्रेस इस्तेमाल कर रहे हैं तो plugin का इस्तेमाल करके इसे ठीक किया जा सकता है। साथ ही ये भी ध्यान रखना चाहिए कि फालतू के plugins न हो। इमेज को हमेशा compress करके ही इस्तेमाल करें। इस तरह से आप CWV को बेहतर कर सकते हैं।

किसी पेज या वेबसाइट के on page seo के लिए domain age भी मायने रखता है। Domain जितना पुराना होगा सर्च इंजन का विश्वास उस डोमेन के प्रति उतना ही ज्यादा होगा। यह रैंकिंग करवाने में मदद करता है।

जिस वेबसाइट का नेटवर्क जितना अच्छा होगा उसका on page seo उतना ही अच्छा होगा। अब हम आगे चर्चा करेंगे नेटवर्क कैसे अच्छा किया जा सकता है।

जब किसी वेबसाइट के एक वेबपेज को उसी वेबसाइट के दूसरे वेबपेज से जोड़ा जाता है तो Internal Link . Search Engine Optimization लिए यह बहुत जरुरी है। Internal Link बनाने से किसी वेबसाइट की क्रॉलिंग अच्छे से हो पाती है। जिससे indexing में मदद मिलती है। इससे रैंकिंग इम्प्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है।

जब किसी वेबसाइट वेबपेज को किसी दूसरे वेबसाइट से जोड़ा जाता है तो external लिंक बनता है। जिस शब्द में हम लिंक बनाते हैं उसे Anchor Text बोला जाता है। External Link बनाते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस वेबसाइट से बना रहे हैं उसकी Domain Authority अच्छी हो तथा Spam Score कम हो। किसी वेबसाइट का DA तथा spam score जानने लिए हम www.moz.com का इस्तेमाल कर सकते हैं।

SEO के लिए यह भी एक महत्वपूर्ण पहलु है। Backlink तथा External link में थोड़ा फर्क होता है। External link हम अपनी ही वेबसाइट के anchor text में बनाते हैं। जबकि backlink किसी अन्य वेबसाइट के anchor टेक्स्ट पर बनाते हैं। Backlink बनाने के लिए भी DA तथा spam score का ध्यान रखना जरुरी है।

आज के समय में किसी वेबसाइट को रैंक करने के लिए Social Signal बहुत महत्वपूर्ण योगदान देता है। अगर किसी वेबसाइट के बारे में Social media जैसे की फेसबुक, व्हाट्सप्प, ट्विटर, लिंक्डइन में चर्चा होती है तो इसका एक अच्छा सिग्नल गूगल के पास जाता है। यह किसी वेबसाइट को जल्दी रैंक कराने में बहुत महत्वपूर्ण है।

इसके चार महत्वपूर्ण factors हैं Experience,Expertise, Authority और Trustworthiness (EEAT)

यह एक महत्वपूर्ण SEO फैक्टर है। कोई भी वेबसाइट मोबाइल पर अच्छी तरीके से खुलना चाहिए। इससे यूजर एक्सपीरियंस अच्छा होता है। यह वेबसाइट को रैंक कराने में मददगार साबित होता है।

Frequently Asked Questions (FAQ)

किसी वेबसाइट को रैंक कराने के लिए SEO करना जरुरी है ?

हाँ , वेबसाइट को रैंक कराने के लिए SEO जरूरी है।

SEO कितने प्रकार का होता है ?

SEO तीन प्रकार का होता है :- Onpage SEO, Technical SEO और Off page SEO. बहुत से लोग Technical SEO को On Page SEO का ही भाग मानते हैं।

On Page SEO तथा Off Page SEO में क्या अंतर है ?

On Page SEO वह तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके हम अपने वेबसाइट को सर्च इंजन के अनुकूल बनाते है ताकि उसमें क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग तथा रैंकिंग अच्छे से हो पाए। जबकि Off Page SEO वह तकनीक है जिससे हम अपने वेबसाइट का प्रमोशन करते हैं।

क्रॉलिंग क्या होता है ?

सर्च इंजन के स्पाइडर या क्रॉलर हमारे वेबसाइट से इनफार्मेशन इकट्ठा करते है जिसे हम क्रॉलिंग कहते हैं।

Backlink क्या होता है ?

जब हम अपने वेबसाइट का लिंक किसी दूसरे वेबसाइट में डालते हैं तो उसे बैकलिंक कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है No Follow Backlink तथा Do Follow Backlink .

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